Thursday, August 2, 2018



भूल कर भी करे सावन माह में ये गलतिया



सावन माह में कुछ काम वर्जित मने गए है -

सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है  यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है | इस महीने में किये गये सारे दान पुण्य बहुत ही शुभदायी फल प्रदान करते है धर्म ग्रंथो के अनुसार इस माह में कुछ चीजों को वर्जित बताया गया है और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इन चीजों के इस्तेमाल से आप को नुकसान हो सकता है  इसलिए भूल कर भी सावन माह में इन वर्जित चीजों का इस्तेमाल करे |

भूल कर भी  करे सावन माह में ये गलतिया




) शिवलिंग पर हल्दी चढ़ायेभगवान शिव की पूजा करते वक्त शिवलिंग पर कभी भूलकर हल्दी का प्रयोग करे| हल्दी स्त्री से सम्बंधित वस्तु है और शिवलिंग पुरुष तत्व से   सम्बंधित  है , अगर हल्दी चढ़ानी है तो जलधारी पर चढ़ाये , जलधारी को माँ पार्वती का प्रतिक माना गया है  |

) सावन माह में बैंगन खाये- सावन माह में बैंगन खाना भी वर्जित माना गया है , धार्मिक सश्त्रो में बैंगन को अशुद्ध माना गया है, अगर वैज्ञानिक दृष्टि कोण  से देखे तो सावन में बैंगन में कीड़े  अधिक लगते है जो स्वास्थ पर बुरा असर डालते है |

) शराब से परहेज करे - सावन  में शराब के सेवन से परहेज करना चाहिए , वैज्ञानिक दृष्टि कोण  से देखा जाये तो शराब के सेवन से मनुष्य के शरीर का तापमान बढ़ जाता है जो की बारिश में उसके लिए ऊष्मा का काम करता है जिससे उसे पाचन , बुखार,हार्ट सम्बंधित रोग हो सकते है , इसलिए सावन में शराब से परहेज करे |

) मासाहार के सेवन से बचे- सावन में मासाहार का सेवन कभी करे  धार्मिक ग्रंथो के अनुसार किसी भी जिव की हत्या को सबसे बड़ा पाप माना गया है और सावन में तो महापाप की दृष्टि से देखा जाता है, इसके अलावा वैज्ञानिक कारण भी है की सावन में बहुत सारे जीवो की उत्पति होती है और सारे जिव हर चीजों में सक्रिय हो जाते है और खासकर मृत जीवो के शरीर पर अधिकता पायी जाती है अतः सावन में मासाहार का सेवन कई बीमारियों को न्योता देता है |

) पति पत्नी ब्रम्हचर्य का पालन करे- सावन में पति पत्नी को ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए , धर्म ग्रंथो में माना गया है की सावन में सहवास करने से लोक नहीं परलोक तक बिगड़ जाते है |
सावन में सहवास करने का वैज्ञानिक कारण यह भी है की सावन में महिलाये काफी व्रत और पूजा पाठ करती है जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है और वो आंतरिक रूप से कमजोर हो जाती है अगर ऐसे समय में अगर गर्भ धारण होता है तो जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा होता है|

) बुरे विचारो से बचे - माना की प्रवति चंचल होती है , अपने मन को मजबूत बनाये और बुरे विचारो से बचे , अगर मन बेकार की बातो में उलझा रहेगा तो भगवान की आराधना में मन नहीं लगेगा, शास्त्रों में बुरे ख्याल मन में लाना वर्जित माना गया है | 

) किसी का अपमान करे- वैसे तो किसी भी समय हमें अपने से बड़ो का अपमान नहीं करना चाहिए चाहे वो हमसे बड़ा हो या छोटा , सबके साथ सम्मान और प्यार के साथ व्यवहार करना चाहिए ,पर सावन माह में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योकि भगवान शिव आपकी  भावनाओ के भूखे होते है और आप की द्वारा अगर किसी का अपमान किया जाता है तो उस व्यक्ति के मन से आप के प्रति नकारत्मक भाव उत्पन होते है , और वह नकारत्मकता आप के द्वारा किये गये सारे अच्छे कर्मो को निष्फल कर देती है |

)दूध के सेवन से बचे- सावन में जहा तक हो दूध के सेवन से परहेज करे, इसका कारण यह है की सावन बहुत संख्या में जीवो की उत्पति होती है और जिव घास और पेड़ पोधो पर उपस्तिथ रहते है और गाय भैस द्वारा इनका सेवन किया जाता है और वो दूध के द्वारा हमारे शरीर में पहुंच जाते है जिससे कई बीमारिया होती है इस मौसम में दूध को वात को बढ़ाता है इसलिए दूध के सेवन से परहेज करे , अगर दूध का सेवन जरुरी है तो उसे खूब अच्छे से उबाल के पिए|

) हरी पत्तेदार साग के सेवन से बचे- सावन में हरे पत्तेदार साग के सेवन से बचे क्योकि ये  बारिश में वात को बढ़ती है जो की हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है |

१०) देर तक सोये - देर तक सोना स्वस्थ लिए प्रत्येक मौसम में हानिकारक है , अगर आप भगवान शिव को प्रसन करना चाहते है तो सुबह जल्दी उठे और स्नान आदि करे भगवान शिव की पूजा पाठ करे | देर तक सोने से आप में आलस्य भरा रहेगा और आप एकाग्रचित होकर भगवान की पूजा नहीं कर पाएंगे|