Sunday, July 29, 2018


            10 अद्भुत उपाय सावन में  "भगवान शिव" को प्रसन्न करने के |




इस साल सावन का महीना विशेष योग लेकर आया है अगर आप की लाइफ में किसी तरह की कोई परेशानी या समस्या चला रही है या  लम्बे  समय  से  किसी  परेशानी  से  झुझते  चले    रहे  है  तो आप कुछ  विशेष प्रकार से पूजा करके भगवन शिव से अखंड आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी परेशानियों से मुक्ति पा सकते है |

शिवपुराण  में  दुखो  और  परेशानियों  से  मुक्ति  पाने  के  लिए  कई  उपाय  बताये  गए  है  उनमे  से  १०  अद्भुत उपाय  आप  के   समक्ष प्रस्तुत  है-



v धन की कमी से निजात पाने के लिए - शिव पुराण के अनुसार अगर जातक धन या सम्पति लाभ पाना चाहता है तो उसे शिव लिंग पर काम से काम 1 मुठ्ठी साबुत चावल ( जो बिलकुल भी खंडित हो) चढ़ाने चाहिए इससे अवशय ही शुभकारी फल प्राप्त  होगा |

v पापो का नाश करने हेतु - जाने अनजाने हम सब से कई गलतिया या पाप हो जाते है उनका नाश  करने के लिए शिवलिंग पर तिल अर्पितकरे, यह उपाय कर्मक्षय करनेमे बहुत लाभदायक है |

v संतान की कामना हेतु - जो जातक संतान की कामना रखते है उन्हें शिवलिंग पर गेंहू चढ़ाने चाहिए इसके अलावा सुयोग पुत्र की प्राप्ति हेतु धतूरे के पुष्प भी शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए |

v परेशानीयो का अंत हेतु - अगर लम्बे समय से कोई परेशानी आप का पीछा नहीं छोड़ रही है या घर में सूख समृद्धि बाधित है तो शिवलिंग परजौचढ़ाये , अवश्य ही फर्क मह्सुश करेंगे| 


v पढाई में तेज होने हेतु :- विद्यार्थी पढ़ाई में तेज होने के लिए या अपनी बुद्धि को तेज करने के लिए दूध में शक्कर मिलाकर शिवलिंग  पर  अर्पित करे इससे अवश्य लाभ मिलेगा |

v सांसारिक सुखो की प्राप्ति हेतु - शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करने पर समस्त सांसारिक सुखो और वैभव की प्राप्ति होती है |

v बीमारियों से निजात पाने हेतु - अगर कोई जातक टी.बी. की बीमारी से ग्रसित है और  सारे उपाय के बावजूद छुटकारा नहीं मिल पा रहा है तो उसे शिवलिंग पर शहद अर्पित करना चाहिए इस उपाय से जल्द ही असर दिखाई देने लगेगा |

v सुन्दर और संस्कारी पत्नी की कामना हेतु - अगर जातक अविवाहित है और सुन्दर और संस्कारी पत्नी की कामना रखता है तो उसे शिवलिंग परबेला के पुष्प” चढ़ाना चाहिए , जिससे जातक का विवाहित जीवन सुखमय होगा |

v वाहन सुख की कामना हेतु-  अगर आप वाहन की कामना रखते है तो शिवलिंग परचमेली के पुष्प” चढ़ाये जल्द ही आप की मनोकामना पूरी होगी |

v मोक्ष प्राप्ति हेतु - शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने सभी भौतिक सुखो के साथ साथ मोक्ष की भी प्राप्ति होती है |

जय श्री महाँकाल


SAWAN MAHINA 2018 (19 साल बाद सावन के महीने में बन रहे है अदभुत योग|)

SAWAN MAHINA 2018

                                                       


19 साल बाद सावन के महीने में बन रहे है अदभुत योग

इस साल सावन का महीना अत्यंत शुभकारी योग के साथ आया है | २८ जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है | ज्योतिष शास्त्रियों की माने तो 19 साल बाद ऐसा अदभुत योग बन रहा है , इस साल सावन का महीना पुरे 30 दिन का रहेगा जो की 28 जुलाई से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षा बंधन वाले दिन समाप्त हो जायेगा | सावन का महीना पवित्र और अत्यंत शुभदायी होता है , इस महीने में किये गए नेक कर्मो का योग कई गुना बढ़कर मिलता है |
सावन का पहला सोमवार ३० जुलाई को पड़ेगा और इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और दिव्पुष्कर योग का अनूठा फलदायी संगम बन रहा है | वैदिक ज्योतिष में धनिष्ठा नक्षत्र के बारे में माना जाता है की इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बहुत प्रतिभावान और ज्ञानी होते है और दिव्पुष्कर योग को विशिष्ठ योग कहा जाता है , इस योग में धन की बढ़ोतरी होती है |
इस माह में सावन के 4सोमवार आ पड़ रहे है –
1) 30 जुलाई 2018- सावन के पहला सोमवार
2) 06 अगस्त 2018- सावन के दूसरा सोमवार
3) 13 अगस्त 2018-सावन के तीसरा सोमवार
4) 20 अगस्त 2018- सावन चौथा और अंतिम सोमवार

सावन के महीने का महत्तव -
हिन्दू धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र और विशेष माना जाता है , चैत्र के पाचवे महीने को सावन का महीने कहा जाता है | सावन महीने में ही भगवान शिव ने माँ पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था |

सावन के महीने में भगवान शिव की असीम कृपा अपने भक्तो पर होती है और भगवान शिव भक्तो की सभी मनोकामनाओ को पूरा करते है |
मान्यता है की सावन के महीने में व्रत रखने वाली कुवारी लड़कियों को उनका पनपसन्द जीवनसाथी प्राप्त होता है, और सुहागनों को सौभाग्य सलिता का वरदान प्राप्त होता है ,और इस महीने में पुरुष अगर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते है तो उन्हें पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है|


व्रत और पूजन विधि -
भगवान शिव की आरधना सभी देवी देवताओ की तुलना में बहुत ही सीधी और सरल है , भगवान शिव एक लोटा जल और बिल्व पत्र से प्रसन्न हो जाते है , फिर भी विधिवत व्रत और पूजन विधि इस प्रकार है -
१) सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहने |
२) अपने घर में बने पूजा स्थान की सफाई करे और पूजा पाठ करे |
३) शिव मंदिर में जाकर भगवान की शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करे या पंचामृत (दूध , दही, घी शहद और शक्कर ) से भगवान शिव का अभिषेक करे |
४) फिर भगवान को चन्दन का तिलक लगाकर चावल अर्पित कर बिल्व पत्र, (जो खंडित नहीं होना चाहिए ) , सफ़ेद अकाव के पुष्प , धतूरा, और नारियल , सुपारी चढ़ाकर , भोग लगाए और भगवान के आगे दिया प्रज्वलित करे और साथ ही साथ माँ पार्वती और भगवान गणेश , कार्तिक और नदी की भी पूजा करे और मन में ॐ नाम शिवाय या महामृत्यंजय या शिव गायत्री मंत्र का जाप करे |
|| महा मृत्‍युंजय मंत्र ||
ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!
|| शिव गायत्री मंत्र ||
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।'

५) तत्पश्चात भगवान शिव की आरती करे और प्रसाद का वितरण करे अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए उन्हें नमन करे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे
६) अपनी शक्ति के अनुसार फलाहार करे या फरियाल करे और नहीं होतो एक टाइम भोजन करके व्रत को पूरा करे |

Thursday, July 26, 2018

GURU PURNIMA 2018

 गुरु पूर्णिमा 2018

(गुरु पूर्णिमा 2018 – जानिये  गुरु पूर्णिमा का महत्तव हिंदी में)





गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः


श्लोक का अर्थ - गुरु ब्रह्मा है, गुरु विष्णु है, गुरु हि शंकर है; गुरु हि साक्षात् परब्रह्म है; उन सद्गुरु को प्रणाम

गुरु का अर्थ- “गुरु” शब्द का अपने आप में ही अतुलनीय और अनमोल महत्व है | गुरु एक ऐसे दिव्य व्यक्ति  होते है जो हमें अज्ञानता रूपी अंधकार से  से प्रकाश की और ले जाते है , हमारी मुश्किलों में हमारी ढल बनकर खड़े हो जाते है , हमारे गलत निर्णय में हमारा मार्ग दर्शन करके हमें सही मार्ग पर ले जाते है , गुरु ऐसे चमत्कारी व्यक्ति  होते है जिनके सानिध्य में हर व्यक्ति अपूर्ण से पूर्ण हो जाते है | 

गुरु पूर्णिमा का आरम्भ और उसे मनाने की तिथि  - माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध ने उत्तर प्रदेश में सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, तभी से उनके अनुयाइयों  द्वारा उन्हें अपना गुरु मानकर इस दिन को बड़े उत्साह और उमंग के साथ से मनाया जाने लगा |

गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ माह में आने वाली पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस साल ये पर्व  27 जुलाई 2018 को मनाया जा रहा है | 

गुरु पूर्णिमा का महत्व :-  भारत में  गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है , भारत के अलावा पड़ोसी देश नेपाल में भी इसे बड़े धूम धाम से  मनाया जाता है. नेपाल में गुरु पूर्णिमा के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है और शिक्षक दिवस के रूप में इस दिन को मनाया जाता है.|
ऐसा माना जाता है की इस दिन भगवान शिव ने सप्तऋषि को योग सिखाया था, उसी के चलते भगवन शिव को ब्रह्मांड का पहला गुरु माना जाता है|


 गुरु पूर्णिमा मनाने की विधि :- इस दिन हर व्यक्ति जिन्होंने गुरु नाम ले रखा है वो अपने गुरु से आर्शीवाद लेने गुरु स्थान पर पहुँचता है , गुरु के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हुए गुरु के लिए भेट /उपहार ले जाते है , सच्चे मन से गुरु की सेवा करते है, गुरु भक्ति में अपना मन लगाते है और गुरु से आशीर्वाद ग्रहण करते है |


गुरु पूर्णिमा पर गुरु को कैसे खुश किया जाये :-  गुरु पूर्णिमा पर गुरु को खुश करने का सबसे आसान तरीका यही है की सच्चे मन से गुरु की भक्ति  की जाये और गुरु के चरणों में जीवन समर्पित किया जाये यही सच्ची गुरु दक्षिणा होगी एक शिष्य की और से अपने गुरु को | अंत में बस यही कहना चाहेंगे –
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।